इलेक्ट्रिक व्हीकल उन वाहनों को कहा जाता है जो पूर्ण रूप से बैटरी से संचालित होते हैं, इलेक्ट्रिक वाहनों में इंजन का प्रयोग नहीं किया जाता है इसलिए इन वाहनों को इलेक्ट्रिक वाहन कहा जाता है। ये वाहन पर्यावरण के लिए अनुकूल होते हैं इसके उदाहरण हैं:- इलेक्ट्रिक कार, इलेक्ट्रिक बाईक, इलेक्ट्रिक स्कूटर और इलेक्ट्रिक बस आदि।
EV का पूरा नाम | Full Form of EV
EV का पूरा नाम इलेक्ट्रिक व्हीकल (Electric Vehicle) होता है।
भारत में इलेक्ट्रिक कार का भविष्य | Electric Car Future in India
भारत में इलेक्ट्रिक कार का भविष्य (Electric Car Future in India ) उज्जवल दिख रहा है क्यूंकि सरकार चाहती है कि वर्ष 2030 तक भारत में सभी वाहनों में से 30% इलेक्ट्रिक हों, इसके लिए सरकार ने कई योजनाओं को शुरू भी किया है जैसे कि इलेक्ट्रिक वाहन लेने के लिए सब्सिडी प्रदान की जाती है। और ग्राहक को RTO चार्ज भी नहीं लगता है और इलेक्ट्रिक कार के लिए बैंक से लोन भी आसानी से मिल जाता है।
भारत में इलेक्ट्रिक वाहन ने अभी पाँव जमाना शुरू किया है और उसके सामने कुछ ऐसी चुनोतियाँ हैं जिसे जल्द से जल्द दूर करने की आवश्यकता है जैसे कि चार्जिंग स्टेशन कि कमी होना और इलेक्ट्रिक वाहन का मूल्य अधिक होना, इस कमी को दूर करने के लिए और इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए सरकार और निजी क्षेत्र को आपस में मिलकर काम करने कि आवश्यकता है।
फिलहाल भारत में इलेक्ट्रिक वाहन खरीदना बहुत मंहगा पड़ रहा है और उसे चार्ज करने कि समस्या सामने आ रही है जिससे इलेक्ट्रिक वाहन की खरीददारी बहुत धीमी गति से हो रही है, अगर इस समस्या का समाधान कर दिया जाए तो इलेक्ट्रिक वाहन बहुत ज्यादा बिकेंगे और सरकार ने जो 2030 का लक्ष्य रखा है वो जल्दी पूरा हो सकता है। और लगभग 2047 तक भारत में 90% तक इलेक्ट्रिक वाहन हो जायेगें जो हमारे पर्यावरण के लिए बहुत ही अनुकूल होगा और बड़े-बड़े शहरों से पोलुशन कम हो जायगा।
भारत कि स्वदेशी कार निर्माता कंपनी Tata Motors, Mahindra और Hero MotoCorp जैसी नामी कंपनी भविष्य में भारतीय बाजार में बहुत सारे इलेक्ट्रिक वाहन लेकर आएंगे और उम्मीद है कि आम आदमी के बजट में भी होंगे।
एक समय आएगा जब चारों तरफ सिर्फ इलेक्ट्रिक वाहन दिखाई देंगे और उनसे ना कोई शोर होगा और ना ही कोई पोलुशन होगा, अतः हमें उम्मीद है आने वाले समय में भारत में इलेक्ट्रिक कार का भविष्य बहुत ही अच्छा रहने वाला है।
इलेक्ट्रिक कार चार्जिंग स्टेशन भारत में खर्च
अगर आप भारत में इलेक्ट्रिक स्टेशन खोलना चाहते हैं तो इसका कम से कम 1 लाख रूपए का खर्च और अधिकतम खर्च 40 लाख रूपए तक का खर्च आएगा। इलेक्ट्रिक कार चार्जर 2 तरह के आते हैं एक भारत AC और दूसरा भारत DC चार्जर।
इलेक्ट्रिक व्हीकल काम कैसे करता है? | How Electric Vehicle Work in Hindi
ईधन से चलने वाले व्हीकल और बैटरी से चलने वाले व्हीकलों में बहुत बड़ा अंतर है, इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) में इलेक्ट्रिक मोटर को चलाने के लिए बैटरी में मौजूद बिजली का प्रयोग किया जाता है। विद्युत मोटर डी.सी. ऊर्जा को ए.सी. ऊर्जा में परिवर्तित करती है, जिसके बाद एक्सेलेरेटर पर पांव रखने के बाद वाहन आगे की ओर बढ़ता है। बैटरी डिस्चार्ज होने पर इसे विद्युत बोर्ड या फिर चार्जिंग स्टेशन में प्लग करके बैटरी को चार्ज करना पड़ता है। बैटरी में संग्रहीत ऊर्जा की मात्रा निर्धारित करती है कि वाहन को रिचार्ज करने से पहले कितनी दूरी तय करनी होगी। कुछ ईवी वाहन में एक छोटा गैसोलीन-संचालित जनरेटर भी लगा होता,जो रेंज बढ़ाने का काम करता है यह वाहन चलाते समय बैटरी को थोड़ा बहुत चार्ज कर देता है, जिससे वाहन कुछ दूरी और तय कर लेता है। लेकिन अधिकतर इलेक्ट्रिक वाहनों में यह सुविधा उपलब्ध नहीं है और यह पूरी तरह से बैटरी पावर पर निर्भर करता है।
इलेक्ट्रिक व्हीकल के प्रकार | Types of Electric Vehicle
इलेक्ट्रिक व्हीकल को मुख्य रूप से 4 भागों में बांटा गया है जो इस प्रकार से हैं:-
- फ्यूल सेल इलेक्ट्रिक व्हीकल (FCEV)
- हाइब्रिड इलेक्ट्रिक व्हीकल (HEV)
- बैटरी इलेक्ट्रिक व्हीकल (BEV)
- प्लग इन हाइब्रिड इलेक्ट्रिक व्हीकल (PHEV)
फ्यूल सेल इलेक्ट्रिक व्हीकल | Fuel Cell Electric Vehicle
इन वाहनों का संचालन करने के लिए बिजली का उत्पादन वाहन के अंदर ही किया जाता है यह पूर्ण रूप से हमारे पर्यावरण के लिए अनुकूल हैं वाहन के अंदर ही बिजली उत्पन्न करने के लिए Fuel Cell Technology का प्रयोग किया जाता है।
हाइब्रिड इलेक्ट्रिक व्हीकल | Hybrid Electric Vehicle
हाइब्रिड इलेक्ट्रिक व्हीकल में इंजन और बैटरी दोनों का प्रयोग किया जाता है ये दोनो मिलकर व्हीकल का संचालन करते हैं, इसमें मोटर को बैटरी से ऊर्जा मिलती है और इंजन को फ्यूल से चलाया जाता है। इन वाहनों में अगर बैटरी डिस्चार्ज हो जाती है तो बैटरी को इंजन की सहायता से चार्ज किया जा सकता है और वाहन को भी फ्यूल इंजन की सहायता से चलाया जा सकता है।
बैटरी इलेक्ट्रिक व्हीकल | Battery Electric Vehicle
बैटरी इलेक्ट्रिक व्हीकल पूर्ण रूप से बैटरी से ही चलाए जाते हैं इन वाहनों में इंजन का प्रयोग नहीं किया जाता है इसकी बैटरी को चार्ज करने के लिए विशेष चार्जर होते हैं जिसे आप घर पर चार्ज कर सकते हैं या फिर चार्जिंग स्टेशन पर जाकर चार्ज कर सकते हैं।
प्लग-इन हाइब्रिड इलेक्ट्रिक व्हीकल | Plug-in Hybrid Electric Vehicle
इस प्रकार के व्हीकलों को इंजन और बैटरी दोनों तरीकों से चलाया जा सकता है जिस प्रकार हाइब्रिड इलेक्ट्रिक वाहनों को चलाया जा सकता है लेकिन इसकी विशेष बात यह है कि इसकी बैटरी को आप को किसी बाहरी बिजली से चार्ज करना पड़ता है जैसे कि घर की बिजली।
इलेक्ट्रिक व्हीकल के पार्ट्स | Main Components of Electric Vehicle
बैटरी पैक | Battery Pack
इलेक्ट्रिक व्हीकल का दिल बैटरी होती है बैटरी के बिना इलेक्ट्रिक वाहन को चलाना संभव ही नहीं है। यह बिजली को संग्रहीत करके इलेक्ट्रिक व्हीकल को ऊर्जा प्रदान करती है और व्हीकल चल पाता है। और यह निर्धारित करती है कि वाहन के डिस्चार्ज होने के पहले कितनी दूरी तय हो सकती है। इलेक्ट्रिक व्हीकलों में कई तरह की बैटरियों का प्रयोग होता है, जिनमें सबसे आम लिथियम-आयन बैटरी होती है। लिथियम-आयन बैटरी में उच्च ऊर्जा घनत्व बहुत ही कम होता है, जिस वजह से वह एक छोटी सी जगह में बड़ी मात्रा में ऊर्जा स्टोर कर सकती है। लिथियम-आयन बैटरी बहुत हल्की भी होती है, जो वाहन की परफॉर्मेंस में सुधार करने में मदद करती है।
कनवर्टर | Converter DC to DC
इलेक्ट्रिक व्हीकल के सभी कंपोनेंट्स को चलाने के अलग अलग अलग वोल्टेज की जरूरत होती है जिसके लिए व्हीकल में कवंर्टर का होना आवश्यक है, कवंर्टर की सहायता से ही बैटरी को चार्ज करने के लिए उचित वोल्टेज मिलता है।
इलेक्ट्रिक मोटर | Electric Motor
इलेक्ट्रिक मोटर के माध्यम से ही व्हीकल के पहियों को घुमाया जाता है यह व्हीकल का मुख्य पार्ट होता है। इलेक्ट्रिक मोटर से ही ईधन और इलेक्ट्रिक व्हीकल में अंतर की पहचान की जाती है।
इनवर्टर | Power inverter
इनवर्टर के माध्यम से ही ब्रेक लगाने के दौरान उत्पन्न हुए एसी करेंट को डीसी करेंट में परिवर्तित किया जाता है और इससे व्हीकल की बैटरी चार्ज की जाती है।
चार्जिंग पोर्ट |Charge Port
मोबाइल की तरह इलेक्ट्रिक व्हीकल में भी चार्जिंग पोर्ट लगाया जाता है जिससे व्हीकल बाहरी ऊर्जा से चार्ज किया जा सके।
ऑन बोर्ड चार्जर | Onboard charger
ऑन बोर्ड चार्जर की सहायता से ही ए.सी. ऊर्जा को डी.सी. ऊर्जा में परिवर्तित किया जाता है क्योंकि बैटरी को चार्ज करने के लिए डी.सी. करेंट की आवश्यता होती है।
ट्रेक्शन कंट्रोलर | Traction Controller
कंट्रोलर के माध्यम से बैटरी से मोटर में जाने वाली इलेक्ट्रिक ऊर्जा को नियंत्रित किया जाता है। यह वाहन की गति नियंत्रित करने के लिए लगा होता है।
सहायक बैटरी | Auxiliary Batteries
सहायक बैटरी का काम इमरजैंसी के लिए होता है यदि कार स्टार्ट नहीं हो रही है तो सहायक बैटरी से स्टार्ट कर सकते हैं लगभग सभी आधुनिक इलेक्ट्रिक वाहनों में सहायक बैटरी लगी हुई होती है।
कूलिंग सिस्टम | Thermal (Cooling) System
इलेक्ट्रिक व्हीकल में मोटर और अन्य कंपोनेंट्स के टेंपरेचर के स्तर को संतुलित बनाए रखने के लिए कूलिंग सिस्टम का प्रयोग किया जाता है, जिससे इलेक्ट्रिक व्हीकल में आग लगने की संभावना कम हो जाती है
ट्रांसमिशन सिस्टम | Transmission System
ट्रांसमिसन सिस्टम के माध्यम से ही मोटर से पहियों तक ऊर्जा पहुँचती है जिस वजह से पहियों को गति मिलती है।
इलेक्ट्रिक व्हीकल के फायदे | Advantages of Electric Vehicle
पर्यावरण के लिए फायदेमंद
ईधन वाले वाहन हमारे पर्यावरण के लिए बहुत ही प्रदुषित करते हैं लेकिन इलेक्ट्रिक व्हीकल से कोई प्रदुषण नहीं होता है इस लिहाज से इलेक्ट्रिक व्हीकल पर्यावरण के लिए फायदेमंंद हैं।
रनिंग कॉस्ट
पेट्रोल की अपेक्षा इलेक्ट्रिक व्हीकल को इस्तेमाल करना काफी सस्ता पड़ता है यह लगभग 1 रूपय प्रति किलोमीटर पड़ता है जो कि पेट्रोल वाहन से कही ज्यादा सस्ता है 100 रूपये के पेट्रोल में कार 12 से 20 किलोमीटर चलती है और वहीं इलेक्ट्रिक व्हीकल 100 रूपये के खर्च में लगभग 100 से 120 किलोमीटर चल जायगी
सब्सिडी लाभ
अगर आप इलेक्ट्रिक व्हीकल खरीदते हैं तो राज्य सरकार द्वारा उचित सब्सिडी प्रदान की जाती है क्योंकि सरकार चाहती है कि ज्यादा से ज्यादा इलेक्ट्रिक व्हीकल की बिक्री हो, सब्सिडी योजना को 2022 तक के लिए लाया गया था लेकिन अब इसे बढ़ा कर 2024 तक के लिए कर दिया गया है।
रख रखाव में आसानी
इलेक्ट्रिक व्हीकल में इंजन नहीं होता है और काफी कम कंपोनेंट्स का प्रयोग होता है जिस वजह से इसकी सर्विसिंग कॉस्ट बहुत कम होती है जिससे इसके रख रखाव में कम खर्च होता है
इलेक्ट्रिक व्हीकल के नुकसान |Disadvantages of Electric Vehicle
इलेक्ट्रिक व्हीकल के फायदे तो बहुत हैं लेकिन इसके कुछ नुकसान भी हैं इसलिए यहां पर हम आपको इलेक्ट्रिक व्हीकल से होने वाले कुछ नुकसान के बारे में भी बताने जा रहे हैं:-
बैटरी में आग लगना
इलेक्ट्रिक व्हीकल में अभी बहुत सी खामियां हैं जैसे कि इसकी बैटरी में आग लगना, कई वाहनों में इसकी बैटरी में आग लगने की शिकायत आ रही है जिस वजह से लोग पूरी तरह से इस पर भरोसा नहीं कर रहे हैं, इसमें अभी सुधार करने की आवश्यकता है।
लंबी दूरी तय करने में समस्या
ये वाहन सिटी में ड्राइव करने के हिसाब से तो ठीक हैं परंतु आप इसे लेकर लांग ड्राइव पर नहीं जा सकते हैं क्योंकि इसको चार्ज करने में बहुत समस्या होगी, पेट्रोल पंप की तरह जगह जगह अभी इसके चार्जिंग प्वाइ्ंंट नहीं बनाए गए हैं और अगर कहीं चार्जिंग प्वाइंट मिल भी गया तो फुल चार्ज करने में 7 से 9 घंटे का समय लगता है जिससे आपका काफी समय बर्बाद होगा।
बैटरी की अधिक कीमत
एक समय के बाद अगर आपके व्हीकल की बैटरी खराब हो जाती है तो इसकी बैटरी चैंज करवाना बहुत मंहगा पड़ता है जो पैसे आप पेट्रोल के बचा लेते हो वह बैटरी बदलवाने में लग जाते हैं, इलेक्ट्रिक स्कूटर की बैटरी लगभग 50 हजार रूपये से शुरू होती है और चार पहिया व्हीकल की 1.5 से 5 लाख रूपये तक की बैटरी आएगी।
बिजली की आवश्यकता
इलेक्ट्रिक व्हीकल को चार्ज करने के लिए बिजली की आवश्यकता होती है गांव में बिजली कम पैसों में मिल जाती है लेकिन अगर आप शहर में रह रहें तो वहां प्रति यूनिट गांव के मुकाबले काफी मंहगा है इस वजह से इसे चार्ज करने में बिजली बिल ज्यादा आएगा।
सबसे अच्छी ईवी या पेट्रोल कार कौन सी है?
ईवी और पेट्रोल कार की अगर तुलना की जाए तो दोनों के अपने अपने फायदे और नुकसान हैं यह ग्राहक के ऊपर निर्भर करता है कि उसे ईवी की जरूरत है या पेट्रोल कार की लेकिन अगर आप पेट्रोल की बढ़ती कीमतों से छुटकारा पाना चाहते हैं तो ईवी कार आपके लिए एक बेहतर विकल्प हो सकता है।
इलेक्ट्रिक व्हीकल कौन कौन सी कंपनी बनाती है?
भारत में इलेक्ट्रिक व्हीकल का कारोबार तेजी से बढ़ रहा है भारत में टाटा कंपनी इलेक्ट्रिक व्हीकल बनाने की रेस में सबसे आगे है वहीं महिंद्रा, सुजुकी, एमजी, ह्युंडई मोटर्स आदि कंपनियां इलेक्ट्रिक व्हीकल बना रहीं हैं।
इलेक्ट्रिक व्हीकल का रेट क्या है?
भारत में इलेक्ट्रिक व्हीकल की कीमत करीब 50 हजार रूपये से शुरू होकर करोड़ों रूपये तक पहुँँच जाती है जिसमें इलेक्ट्रिक स्कूटर से लेकर कार और बड़े वाहन आदि शामिल हैं।
क्या इलेक्ट्रिक कारें पेट्रोल से चल सकती हैं?
नहीं, अगर इलेक्ट्रिक कारें पेट्रोल से चलतींं तो इलेक्ट्रिक शब्द का कोई अर्थ ही नहीं निकलता है, इलेक्ट्रिक कारें सिर्फ बैटरी से ही चलाई जा सकती हैं।
क्या हम पेट्रोल कार को इलेक्ट्रिक कार में बदल सकते हैं?
हॉं आप पेट्रोल कार को इलेक्ट्रिक कार में बदल सकते हैं इसके लिए R.T.O. से अनुमती लेकर रेट्रोफिटिंग करना पड़ता है।
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